आत्मनिर्भर

कदम से कदम मिलाकर अब निरंतर चलना है

सार्थक कदमों से संगठीत भारत का निर्माण करना है



कोई रुके ना,कोई झुके ना

मजबूती से आगे आगे बढ़ते जाना



काँटो से कोई डरे ना,फूलों का सेज बिछाना है

मन की मन में,तन की तन रख साथ निभाना है



कोई रुठे ना,कोई छुटे ना

सब साथ मिलकर कंधो से कंधा मिलाना है

©अग्यार’बिश्नोई’

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