सब मिलजुल कर जहाँ रहते है हम
एक दुसरे को चाहते है हर दम
सब मिल बाँट कर काम करते
नही किसी से कभी भी लड़ते
साथ मिलकर आगे बढ़ते
नही किसी से कभी भी डरते
चाचा चाची ताऊ ताई भैया भैई
दादा की बात न टाले कोई
ऐसा है मेरा सूखी परिवार
हर रोज मनाता त्योंहार।
©अग्यार’बिश्नोई’