मेरे मन में

मेरी मेरे मन में,तेरी तेरे मन में,

यह तन कितने दिन का है,

किसी को पता नहीं,

एक पल में

मिट जाये ये,

रह जाये मन की मन में।

मैने मेरा सोचा ,

तुमने ने तुम्हारा,

किसी को किसी का न लेना,

न देना

यहाँ बहता है सब कुछ

जैसे बहे निर्मल जल नदियों का रैला

छोटी सी जिन्दगी है

बह जाये टन की टन में

©अग्यार’बिश्नोई’

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