पूरे भारतवर्ष में कहलाता है,
यह धान का कटोरा।
लोक कला हो या संस्कृति,
हर क्षेत्र में उन्नति ही बटोरा।
राजिम में राजीवलोचन प्रसिद्ध,
तो दंतेवाड़ा में है माता दंतेश्वरी।
रतनपुर में माता महामाया,
डोंगरगढ़ पहाड़ी में बसी माँ बम्लेश्वरी।
चंद्रपुर की चंद्रसेनी,
रायगढ़ की बूढ़ी माई।
इतने है दर्शनीय स्थल,
देख सबको करें सुमिराई।
प्राचीन से है प्रसिद्ध,
दक्षिण कौशल नाम से विख्यात।
माता कौशल्या यहाँ की बेटी,
श्रीरामचंद्र का ननिहाल।
उद्योगों के क्षेत्र में भी,
बना रहा अपना पहचान।
कोरबा है विद्युत/ऊर्जा की नगरी,
भिलाई है इसकी जान।
पंथी ददरिया करमा पंडवानी,
हैं यहाँ के लोकनृत्य।
नंदन वन हो या जंगल सफ़ारी,
संरक्षण में भी कर रहा कृत्य।
महानदी है गंगा समान,
राजिम पवित्र त्रिवेणी संगम।
चित्रकोट तीरथगढ़ की छटा,
सबका हर लेता है मन।
पूरे देश का हृदयस्थल,
चहुँ ओर से घिरा अतुलित।
पूरी तरीके से सुरक्षित,
मन मोहित करता प्रफुल्लित।
-इन्दु साहू
पूरी बगीचा, रायगढ़
छत्तीसगढ़