बसंत / भावना

हर तरफ हरियाली छाई,
खेतों में फसलें लहलहाई,
बादलों के बीच से सूरज की किरण आई,
ठंडी ठंडी चली पूर्वाई,
तो समझो बसंत की घड़ी है आई।

डालियों पर नए पत्ते आएंगे,
सरोवरों में नए कमल खिलेंगे,
लो खेतों में सरसों लहलहाई,
किसानों के मुख पर खुशी की लालिमा छाई,
तो समझो बसंत की घड़ी है आई।

©भावना

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