सीखना होगा हमे / मानसिंह सुथार

सीखना होगा हमे की कैसे हक जताया जाए
सीखना होगा हमे की कैसे हल चलाया जाए

आज के इस बंजर परिदृश्य का कुछ भान करो
सीखना होगा हमे की कैसे युग परिवर्तन लाया जाए

बेरोज़गारी ,भ्रष्टाचार और कुशासन हर तरफ छाया है
सीखना होगा हमे की कैसे सब को संविधान सिखाया जाए

अनेकता में एकता तो है पर समानता कहीं गौण है
सीखना होगा हमे कैसे सब को एक छत के नीचे लाया जाए

एक जैसे फूलों की क्यारी नही, ये एक मिश्रित बगियाँ है
सीखना होगा हमे की हर फूल को कैसे महकाया जाए

हिजाब चुन्नी ,ओढ़नी और स्कार्फ सब एक समान है
सीखना होगा हमे की कैसे भारतवर्ष का माहौल संवारा जाए

तीन रंग तिरंगे में और चौथा रंग खून का एक जैसा है
सीखना होगा हमे कैसे इन चारों रंगो को एक बनाया जाए

मानसिंह सुथार
श्रीगंगानगर ,राजस्थान

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