इतनी सी उम्र में बहुत कुछ दिया है
ए जिंदगी तेरा शुक्रिया
कभी मोहब्बत में मैंने इज़हार किया
तो कभी मोहब्बत ने मुझे दरकिनार किया
ए जिंदगी तेरा शुक्रिया
कई गम मे डूबे तो कुछ को खुशियाँ दिया
किसी के सिर से छत छिनी तो
कइयों को घर दिया
ए जिंदगी तेरा शुक्रिया
भूख से निकले दम, जिंदगी तु ना कर यूँ सितम
खाने के लाले ना थे निवाले
तो किसी का घर आनजो से भर दिया
ए जिंदगी तेरा शुक्रिया
लोगों पे क्या कहर किया
मेरे अपनो ने मुझे जहर दिया
खैर मैने भी खामोशी से सब सह लिया
ए जिंदगी तेरा शुक्रिया….
©मोहम्मद इरफ़ान
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