मेरी सांसों पर
मेरी धड़कनों पर
एहसान है ऐ जिन्दगी तेरा
जिस ने जीना सिखाया मुझे
जिसने लड़ना सिखाया मुझे
जिसने दी वजह जीने की मुझे
जिस ने दी पहेचान मुझे मेरी
वो है तु ही ऐ जिंदगी
शुक्रिया ऐ ज़िंदगी तेरा
के तु ने जिंदा रहे कर जीना सिखाया
तु ने दी आवाज मेरी गजलो को
तु ने दिया एहसास मेरे लफ्जों को
शुक्रिया ऐ जिंदगी तेरा
दिए तु ने जीने के उजाले
प्यार भरे रिश्तों से नाते मेरे जोड़े
जोड़ कर कलम से नाता मेरा
कर दिया पूरा मकसद मेरी जिंदगी का
तूने दिए उजाले जिंदगी के
रोशन कर दिए चिराग जिंदगी के
मेरी हर सांस है एहसान तेरा
तेरी हर देन के लिए
ऐ जिंदगी शुक्रिया तेरा….
©जाहिद पाठन
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