तू हार गया या तेरी जीत हुई
नफरत या तुझको प्रीत हुई
जो हारा तो,क्यों हारा
ये हार भी तेरी सीख हुई
इस हार जीत का , कुछ तो गहरा नाता है
जो हार से सीखा, इतिहास वही बनाता है
©अरविंद यादव
दिल्ली 44
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